त्रिपुरा की राजधानी अर्थात अगरतला नामक यह शहर हौरा (हावड़ा) नदी के किनारे पर स्थित है, और शाही विरासत के साथ-साथ समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं और प्राकृतिक भव्यताओं का बेहतरीन मिश्रण प्रस्तुत करता है। कभी शक्तिशाली शासकों का शक्ति केंद्र रहा अगरतला उज्जयंत राजमहल, सुरम्य झीलों और कई खूबसूरत मंदिरों जैसे शानदार आकर्षणों के लिए जाना जाता है । यह गुवाहाटी के बाद पूर्वोत्तर भारत में स्थित दूसरा सबसे बड़ा शहर है, और अनछुए जंगलों, खूबसूरत घाटियों और गर्जना करते झरनों से घिरा हुआ है। अपनी समृद्ध वनस्पतियों, जीव-जंतुओं, जीवंत हथकरघा बाजार और अपने निवासियों के सहृदय आतिथ्य के कारण कुल मिलाकर अगरतला पर्यटकों के लिए एक आदर्श अवकाश गंतव्य है। यह शहर उन लोगों के लिए मनोरंजन और रोमांच के खज़ाने जैसा भी है, जो इसके प्राकृतिक सौन्दर्य के रहस्यों की तलाश में हैं।

अगरतला नाम दो शब्दों 'अग्र' और 'ताल' से मिलकर बना है। 'अगर' एक विशेष प्रकार के ऑगरू वृक्ष से बनने वाले मूल्यवान तैलीय इत्र का नाम है, और प्रत्यय 'ताल' का अर्थ है भण्डारगृह। बांग्लादेश की सीमा के करीब स्थित यह शहर अखौरा सीमा पर आयोजित होने वाली तथा देशभक्ति से ओतप्रोत ध्वजारोहण की रस्म के लिए भी जाना जाता है।