क्षमा करें, हमें आपकी खोज से मेल खाने वाली कोई भी चीज़ नहीं मिली।
वर्धमान पहाड़ों और पर्वतीय चरागाहों से घिरा भरमौर का अद्भुत शहर एक एकांतिक पर्यटन स्थल है। चंबा के बाहरी इलाके में स्थित इस शहर का मुख्य आकर्षण चौरसिया मन्दिर है, जिसकी परिधि में 84 श्रद्धास्थल हैं। 7 वीं और 10 वीं शताब्दी के बीच निर्मित यह श्रद्धास्थल आश्चर्यजनक वास्तुकला से सुसज्जित हैं । इनमें से सबसे उल्लेखनीय मंदिर मणिमहेश मंदिर है, जिसका मुग्ध कर देने वाला शिखर आकाश को लगभग भेदता दिखता है। यहाँ के लक्षण देवी मंदिर भी अवश्य जाना चाहिए जहाँ पर्यटक गर्भगृह में स्थित देवी की ठोस पीतल से बनी लगभग एक मीटर ऊंची प्रतिमा के प्रति श्रद्धा व्यक्त कर सकते हैं।
भरमौर 400 साल से अधिक समय तक चंबा रियासत की राजधानी रहा था और लगभग 7,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पहले इसे ब्रह्मपुरा के नाम से जाना जाता था और इसके आसपास के क्षेत्र को भगवान शिव से संबंधित माना जाता है। इसीलिए इसे अक्सर शिव-भूमि भी कहा जाता है। यह शहर अपने स्वादिष्ट सेब और स्थानीय स्तर पर बनाए गए कंबलों के लिए प्रसिद्ध है। यह खानाबदोश गद्दी चरवाहों का बसेरा भी है। भरमौर प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा और विभिन्न पर्वतारोहण यात्राओं का आधार भी है। यहाँ का एक अन्य आकर्षण भरमनी माता मंदिर है जिसमें एक पवित्र कुंड है। भक्त इसके पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं।