पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं द्वारा किया जाने वाला मटकी नृत्य काफी मुश्किल है क्योंकि इसमें स्त्रियां अपने सिर पर मटकियां रख कर संतुलन बना कर ढोल की ताल पर नाचती हैं। इसे देख कर काफी आनंद मिलता है। इसे घट-नृत्य भी कहा जाता है और यह नृत्य खासतौर से मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र से संबद्ध है। यह नृत्य-शैली यहां की खानाबदोश जनजातियों द्वारा विकसित की गई। स्त्रियां अपने सिर पर मटके रख कर दूर से पानी भर कर लाया करती थीं और धीरे-धीरे उन्होंने अपने इस रोजमर्रा के काम को ही एक नृत्य-शैली के तौर पर विकसित कर दिया। इसे करते समय स्त्रियां रंगीन लहंगा या साड़ी बांधती हैं और बहुत सारे खूबसूरत आभूषण पहनती हैं। कई बार वह अपने चेहरे को ढकने के लिए घूंघट भी करती हैं।

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