क्षमा करें, हमें आपकी खोज से मेल खाने वाली कोई भी चीज़ नहीं मिली।
यह बैंगनों और आलुओं का बेहतरीन मिश्रण होता हैए जिसे जब एक साथ मिलाकर प्याज़ टमाटर और मसालों के साथ पकाया जाता है तो यह बेहद स्वादिष्ट और सुगंधित पकवान तैयार होता है। गरमा गरम रोटियों के साथ इसका आनंद उठाया जा सकता है।
इस पकवान में दालए बाटी य आटे की गेंदनुमा रोटियाँद्ध और चूरमा य मीठा पिसा हुआ अनाजद्ध होता हैए जिसे लाल मिर्च और साथ ही साथ मसालेदार लहसुन की चटनी और मेवों जैसे काजू पिस्ता बादाम और किशमिश के साथ परोसा जाता है। बाटियों को शुद्ध घी मेंडुबोया जाता है और मिट्टी के बर्तनों में दालए लाल मिर्च और लहसुन की मसालेदार चटनीके साथ परोसा जाता है। यह पकवान राजस्थान की
मुर्ग़.ए.सब्ज़ एक बहुत ही स्वास्थ्यकर पकवान हैए जिसे मुर्ग़ की हड्डी रहित कतरनों को सब्जियों और स्थानीय मसालों के साथ पकाकर बनाया जाता है।
यह जैसलमेर का पारंपरिक पकवान हैए जिसमें बेसन की गाढ़ी ग्रेवी होती हैए इस में सब्जी के पकोड़े डाले जाते हैंए और थोड़ी खटास देने के लिए इस में दही मिलाया जाता है। इसे आम तौर पर उबले चावल और रोटी के साथ खाया जाता है।
केर.सांगरी राजस्थान की रेतीली ज़मीन की पैदाइश है। केर एक झरबेरी है और सांगरी खेजारी नाम के फूलदार पेड़ की फली हैए और दोनों साथ में मिल कर बनाने में आसान एक लाजवाब पकवान का निर्माण करते हैं। इस शाकाहारी पकवान का आनंद सबसे ज़्यादा बाजरे की रोटी के साथ उठाया जा सकता है। केर.सांगरी को कई तरीके से बनाया जा सकता है और हर विधि से यह और भी स्वादिष्ट बनती है। इस पकवान का स्वाद बढ़ाने के लिए इस में साबुत सूखी मिर्चें डाली जाती हैंए यह अनुमानतः अमचूर से थोड़ी खट्टी होती है। इस में एक मटियालीए बिलकुल कुदरती सुगंध होती है। इस रेशेदार फली को काजू और किशमिश के साथ दही में पकाया जाता है।