यह पर्व लद्दाख में स्थित फ्यांग बौद्ध मठ में मनाया जाता हैए जो लेह से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह पर्व द्रिगुम्पा मोनास्टिक राजवंश के संस्थापक जिंगतेन गोम्बो को समर्पित होता है। इस पर्व के दौरान लोग पारंपरिक पोशाकें पहनते हैं। बौद्ध लामा चमकीली पोशाक या रेशमी चोगा पहनते हैं। यह इस पर्व की विशेषताओं में से एक होती हैए लामा विभिन्न किरदारों को निभाते हुए नृत्य करते हैं। यह नृत्य छाम कहलाता है। इस अवसर पर भगवान बुद्ध के उपदेशों एवं संदेशों का प्रदर्शन किया जाता है। इस पर्व के दौरान प्रदर्शनी लगाकर बौद्ध धर्म से संबंधित कलात्मक वस्तुओं को दिखाया जाता है।
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