बस्तर का दशहरा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैए जो जगदलपुर का दशहरा भी कहलाता है। यह देश के उत्साह से भरे समारोहों में से एक है। इस पर्व का मुख्य केंद्र छत्तीसगढ़ है और इसे 75 दिनों तक मनाते हैं। यह ;विश्व का सबसे लंबी अवधि तक मनाए जाने वाला पर्व कहते हैंद्ध 13वीं सदी से मनाया जा रहा हैए जब महाराज पुरुषोत्तम देव ;बस्तर के चौथे राजाद्ध का शासनकाल हुआ करता था। वह भगवान जगन्नाथपुरी के परम भक्त थे। देश में मनाए जाने वाले अन्य दशहरा की भांति यह भगवान राम की रावण पर जीत की खुशी में नहीं मनाया जाता। अपितु यह स्थानीय देवीए दंतेश्वरी देवी को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए मनाते हैं। इस पर्व के दौरान राज्य के विभिन्न आदिवासी समुदाय के लोग की अपार भीड़ देखने को मिलती है। ये लोग पारंपरिक पोशाकों में सजे.धजे होते हैं। सड़कों पर गुज़रते जुलूस में श्रद्धालुओं का जोश व आनंद देखते ही बनता है। वे नाचते.गाते और ढोल.नगाड़े बजाते चलते हैं। जुलूस के मध्य में एक सजा.धजा विशाल रथ होता हैए जिसे कम से कम 400 लोग विभिन्न मार्गों से खींचते हुए ले जाते हैं। पर्व के अंतिम 10 दिन रोमांच से भरपूर बहुत शानदार होते हैंए जो दशहरा के साथ समाप्त होते हैं।
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