लद्दाख स्थित थिकसे कारशा नानज़कर एवं स्पितुक बौद्धमठों में यह पर्व आयोजित किया जाता है। दो दिवसीय इस पर्व का स्थानीय क्षेत्र में बहुत महत्व है। इस पर्व का आरंभ सवेरे प्रार्थना से होता है। इसके पश्चात प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं के बीच पवित्र केक बांटा जाता है। नौवीं सदी में तिब्बत के राजा लांग दारमा की हत्या कर दी गई थी। बौद्ध भिक्षु उसकी घटना का मंचन करते हैं।
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